पुत्र की दीर्घायु के लिए हलषष्ठी व्रत किया जाता है। इस दिन बलराम जी की जयंती भी मनाई जाती है। इसे तिन छठी व्रत के नाम से भी जाना जाता है। यह व्रत माताएं संतान की लंबी आयु के लिए रखती हैं और व्रत के दौरान कोई अन्न नहीं ग्रहण करती हैं। इसमें महुआ की दातुन की जाती है। हलषष्ठी व्रत में हल से जुते हुए अनाज और सब्जियों का प्रयोग वर्जित है। इस व्रत में वही वस्तु ग्रहण की जाती है जो तालाब या सरोवर में पैदा होती है या बिना जुते हुए भूमि में पाया जाता है। जैसे तिन्नी का चावल, कर्मुआ का साग इत्यादि। इस दिन गाय के किसी उत्पाद का प्रयोग नहीं होता है। इसमें भैंस का दूध, दही घी का प्रयोग किया जाता है।
the Hlsshti fast for the long life of my son. Balram's birth anniversary is also celebrated on this day. It is also known as three sixth fast. Mothers keep this fast for the long life of the child and do not take any food during the fast. Mahua is datunned in it. The use of grains and vegetables plucked from the plow is prohibited during the Halashti fast. In this fast, the same thing is taken which is born in a pond or lake or is found in uncultivated land. Like Tinni's rice, Karmua's greens etc. No cow products are used on this day. Buffalo milk, curd and ghee are used in this.
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